कभी सोचा ही नहीं कैसे गुज़रेगी यह शाम तेरे जाने के बाद..? कभी सोचा ही नहीं कैसे गुज़रेगी यह शाम तेरे जाने के बाद..?
लोग चले जाते हैं रह जाते हैं पन्ने... लोग चले जाते हैं रह जाते हैं पन्ने...
ये पल ही है जो कभी कभी सच्चाई नजर में लाते....। ये पल ही है जो कभी कभी सच्चाई नजर में लाते....।
उलझनों के पन्ने अनगिनत से हैं, एक आस लिए, मगर हताश हूँ। उलझनों के पन्ने अनगिनत से हैं, एक आस लिए, मगर हताश हूँ।
है ज़िन्दगी के पन्ने अख़बार की तरह.... है ज़िन्दगी के पन्ने अख़बार की तरह....
फायदा क्या ऐसी मेहँदी का जो तेरा रंगा न लायी फायदा क्या ऐसी मेहँदी का जो तेरा रंगा न लायी